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Class 10th maths Real Number (वास्तविक संख्या) theorem with solution PDF


Class 10th maths KC SINHA Real Number solution PDF file 

गणित की कक्षा 10 में छात्रों को विभिन्न गणितीय अवधारणाओं को समझने के लिए विभिन्न प्रकार के सवालों का सामागम मिलता है, जिसमें समस्याओं को हल करने के लिए अनुकूल तरीके भी शामिल होते हैं। इस पाठ्यक्रम में छात्रों को गणितीय बुनियादी अवधारणाओं को मजबूत करने के साथ-साथ उनकी गणितीय दक्षता को विकसित करने का मौका मिलता है।

कक्षा 10 की गणित की पाठ्यपुस्तक में विभिन्न गणितीय अध्याय होते हैं, जैसे कि बीजगणित, रचनात्मक गणित, त्रिकोणमिति, सांख्यिकी, गणितीय विविधताएँ आदि। यह पाठ्यक्रम छात्रों को गणितीय अवधारणाओं को समझाने के साथ-साथ अभ्यास करने का मौका देता है।

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            (Real Number ~ वास्तविक संख्या)

#वास्तविक संख्या किसे कहते हैं?

- वास्तविक संख्याएँ (Real Numbers) वह संख्याएँ होती हैं जो वास्तविक जगत में मानयुक्त, मापनयोग्य और समझने योग्य होती हैं। इनमें पूर्ण संख्याएँ, अवरुद्धांक (दशमलव) और अनिच्छित (बहुदिशांकीय) संख्याएँ शामिल होती हैं। यह संख्याएँ गणितीय और वैज्ञानिक अध्ययनों में उपयोगी होती हैं।

#वास्ताविक संख्या के प्रकार:-
- वास्तविक संख्याओं के कई प्रकार होते हैं। ये प्रमुखतः निम्नलिखित होते हैं:

1. पूर्णांक (Integers):
 ये संख्याएँ होती हैं जो नक्शे पर स्थानांतरित होने वाली संख्याओं को प्रतिनिधित करती हैं, जैसे -3, -2, -1, 0, 1, 2, 3 आदि।

2. परिमेय संख्या (Rational Numbers): -
ये संख्याएँ होती हैं जो किसी दो पूर्णांकों के अनुपात के रूप में लिखी जा सकती हैं, जैसे 3/4, -5/2, 7/1, आदि।

3. अपरिमेय संख्या (Irrational Numbers): -
ये संख्याएँ होती हैं जिनके अनंतिक दशमलव अनुक्रम होते हैं और जिन्हें किसी भी पूर्ण संख्या के अनुपात के रूप में पूरी तरह से नहीं लिखा जा सकता, जैसे √2, √3, π (पाई) आदि।

4. अवास्तविक संख्या (Imaginary Numbers): -
ये संख्याएँ होती हैं जो -1 का वर्गमूल होती हैं, जैसे √(-1) या इच्छामात्रिक संख्याएँ, जैसे 2i, 3i, आदि। ये गणित के अन्य क्षेत्रों में उपयोगी होती हैं, जैसे इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और क्वांटम फिजिक्स में।

5. भिन्न संख्या (Fraction) :-
एक प्रकार की अवरुद्धांक (रेशा) होती है जो दो पूर्णांकों के अनुपात के रूप में लिखी जाती है। भिन्न संख्या में, एक अंश (शीर्षक) और एक मानक (हार) होता है, जिनके बीच एक विभाजन रेखा होती है। उदाहरण के लिए, 1/2, 3/4, 5/6 आदि भिन्न संख्याएँ हैं।

6. पूर्ण संख्याएँ (Integers) :-
वे संख्याएँ होती हैं जो नक्शे पर स्थानांतरित होने वाली संख्याओं को प्रतिनिधित करती हैं, जिनमें कोई भी दशमलव नहीं होता। इनमें सकारात्मक पूर्ण संख्याएँ (1, 2, 3, ...) और नकारात्मक पूर्ण संख्याएँ (-1, -2, -3, ...) शामिल होती हैं।

7. अभाज्य संख्या" (Prime Number) :-
एक ऐसी संख्या होती है जो केवल दो गुणांकों के गुणन के रूप में ही विभाजित होती है और उसके बाद कोई और गुणांक नहीं होता। अर्थात, जो संख्या केवल 1 और अपने आप के अलावा किसी और संख्या से विभाजित नहीं होती है, उसे अभाज्य संख्या कहा जाता है। उदाहरण के लिए, 2, 3, 5, 7, 11, 13, 17, 19, 23 आदि सभी अभाज्य संख्याएँ हैं।

8. भाज्य संख्या (Divisible Number) :-
वह संख्या है जो दिए गए संख्या से पूरा बिना शेष के बाँटी जा सके। अर्थात, जिस संख्या से दी गई संख्या को बिना शेष के विभाजित किया जा सके, वह उस संख्या का भाज्य संख्या होता है। यदि भाज्य संख्या से विभाजन के बाद कोई शेष नहीं बचता है, तो वह संख्या भाज्य होती है। उदाहरण के लिए, 10 को 2 से भाज्य किया जा सकता है, क्योंकि 10 को 2 से पूरा बिना शेष के विभाजित किया जा सकता है। इसलिए, 10 एक भाज्य संख्या है।

9. सम संख्या (Even Number) :-
वह संख्या है जो 2 से पूरा विभाजित होती है। अर्थात, जिस संख्या को 2 से विभाजित किया जा सकता है और वह बिना शेष के पूरा विभाजित होती है, उसे सम संख्या कहते हैं। उदाहरण के लिए, 2, 4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20 आदि सभी सम संख्याएँ हैं। इनका विभाजन 2 से पूरा होता है।


10. विसम संख्या (Odd Number) :-
वह संख्या है जो 2 से पूरा नहीं होती है, यानी जो 2 से विभाजित नहीं होती है। इसका अर्थ है कि इन संख्याओं का विभाजन 2 से पूरा नहीं होता है और इनमें शेष बचता है। उदाहरण के लिए, 1, 3, 5, 7, 9, 11, 13, 15, 17, 19 आदि सभी विसम संख्याएँ हैं। इनका विभाजन 2 से पूरा नहीं होता।

11. सह अभाज्य संख्या (Composite Number) :-
वह संख्या है जो अपने आप के अलावा किसी अन्य संख्या से भी विभाज्य होती है। अर्थात, इस संख्या के साथ कोई अन्य संख्या भी है जिससे यह बिना शेष के विभाजित की जा सकती है। उदाहरण के लिए, 4, 6, 8, 9, 10, 12, 14, 15, 16, 18 आदि सभी सह अभाज्य संख्याएँ हैं क्योंकि इन्हें 1 और उनके अलावा अन्य संख्याओं से विभाजित किया जा सकता है।



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* विभाज्यता के नियम :-

2 से विभाज्यता का नियम: प्रत्येक सम संख्या 2 से विभाजित हो जाती है। अन्य शब्दों में, जिस संख्या का इकाई का अंक 0, 2, 4, 6 या 8 हो, वह संख्या 2 से विभाजित हो जाती है।
जैसे: 154, 6516, 827720, 1000

3 से विभाज्यता का नियम: जिस संख्या के सभी अंकों का योग 3 से विभाजित हो जाता है, वह संख्या 3 से विभाजित हो जाती है।
जैसे: 65175 => 6+5+1+7+5=24
अंकों का योग 24 है और 24 विभाजित है 3 से, इसलिए 65175 विभाजित है 3 से।

4 से विभाज्यता का नियम: जिस संख्या के इकाई और दहाई के अंकों से बनी संख्या 4 से विभाजित हो जाती है, वह संख्या 4 से विभाजित हो जाती है।
जैसे: 772724, 7266260, 722612
♂ जिस संख्या के इकाई और दहाई के अंक शून्य हो, वह संख्या भी 4 से विभाजित हो जाती है।
जैसे: 6161600, 72616000

5 से विभाज्यता का नियम: जिस संख्या का इकाई का अंक 0 या 5 हो, वह संख्या 5 से विभाजित हो जाती है।
जैसे: 626260, 71625

6 से विभाज्यता का नियम: जो संख्या 2 और 3 दोनों से विभाजित हो, वह संख्या 6 भी विभाजित हो जाती है।
जैसे: 65252, 98016


7 से विभाज्यता का नियम: यदि दी गई संख्या के अंक का दोगुना बाकी संख्या (इकाई का अंक छोड़कर) से घटाने पर प्राप्त संख्या 7 से विभाजित है, तो पूरी संख्या 7 से विभाजित हो जाएगी।
जैसे: 343 में इकाई का अंक 3 है।
3 का दोगुना बाकी संख्या से घटाने पर
(34 - 6 = 28)
दो अंकों की संख्या 28 विभाजित है 7 से, अतः 343 भी 7 से विभाजित है।
Note: अगर घटाने पर भी कोई बड़ी संख्या प्राप्त होती है, तो इन्ही steps को दोहराते रहें।
♂ दी गई संख्या के इकाई अंक को 5 से गुणा करके बची संख्या मे जोड़ने प्राप्त संख्या अगर 7 से विभाजित है तो पूरी संख्या भी 7 से विभाजित हो जाएगी।
जैसे - 273
Step 1: इकाई अंक को 5 से गुणा करो
(3×5=15)
Step 2: गुणनफल को इकाई अंक को छोड़कर बाकी की संख्या मे जोड़ दो
(15 + 27 = 42)
42, जोकि 7 से विभाजित है अतः 273 भी 7 से विभाजित होगा
अगर गुणनफल और बाकी संख्या को जोड़ने के बाद भी कोई बड़ी संख्या बने तो ये चरण दोहराएँ :-
संख्या: 9548
Step 1: (8 × 5 = 40)
Step 2: (40 + 954 = 994)
संख्या 994 लेकर दोनों चरण फिर दोहराएँ,
Step 3: (4 × 5 = 20)
Step 4: (20 + 99 = 119)
संख्या 119 लेकर दोनों चरण फिर से दोहराएँ,
Step 5: (9 × 5 = 45)
Step 6: (45 + 11 = 56)
दो अंकों की संख्या 56, सात से विभाजित है, अतः 9548 भी 7 से विभाजित है।

8 से विभाज्यता का नियम: जिस संख्या के इकाई, दहाई और सैकडा के अंकों से बनी संख्या 8 से विभाजित होती है, वह संख्या 8 से विभाजित हो जाती है।
जैसे: 176888, 107568
जिस संख्या के इकाई, दहाई और सैकडा के अंक शून्य होते हैं वह संख्या भी 8 से कट जाती है।
जैसे: 626000, 81717000

9 से विभाज्यता का नियम: जिस संख्या के अंकों का जोड़ 9 से विभाजित होता है, वह संख्या 9 से विभाजित हो जाती है।
जैसे: 71667 (अंकों का जोड़ 27), 926595 (अंकों का जोड़ 36)

10 से विभाज्यता का नियम: जिस संख्या का इकाई का अंक शून्य हो, वह संख्या 10 से विभाजित हो जाती है।
जैसे: 16160, 76640

11 से विभाज्यता का नियम: जिस संख्या के सम स्थानों और विषम स्थानों अंकों का योग बराबर हो, वह संख्या 11 से विभाजित हो जाती है।
जैसे: 3267, 52173, 89012
52173 में,
सम स्थानों वाले अंकों का योग = 2 + 7 = 9
विषम स्थानों वाले अंकों का योग = 5 + 1 + 3 = 9
इसलिए 52173 विभाजित है 11 से।

12 से विभाज्यता का नियम: जो संख्या 3 और 4 दोनों से विभाजित हो, वह संख्या 12 से भी विभाजित होती है।
जैसे: 4632, 50712

13 से विभाज्यता का नियम: यदि किसी संख्या के इकाई के अंक का चार गुना बाकी अंकों से बनी संख्या में जोड़ने पर प्राप्त योगफल यदि 13 से विभाजित है, तो वह संख्या भी 13 से विभाजित हो जाएगी।
जैसे: 2639, 5499

14 से विभाज्यता का नियम: जो संख्या 2 और 7 दोनों से विभाजित होती है, वह 14 से भी विभाजित होती है।
जैसे: 266, 672, 1554

15 से विभाज्यता का नियम: जो संख्या 3 और 5 दोनों से विभाजित होती है, वह 15 से भी विभाजित होती है।
जैसे: 9765, 15690

16 से विभाज्यता का नियम :- जिस संख्या के अंतिम चार अंकों से बनी संख्या 16 से विभाजित है, वह संख्या 16 से विभाजित होती है।
♂ जिस संख्या में हजार के स्थान पर एक सम अंक हो और अंतिम 3 अंकों से बनी संख्या 16 से विभाजित है, तो पूरी संख्या 16 से विभाजित होती है।
♂ वह संख्या भी 16 से विभाजित होती है जिस संख्या में हजार के स्थान पर विषम अंक हो और अंतिम तीन अंकों से बनी संख्या में 8 जोड़ने पर वह 16 से विभाजित हो।
जैसे: 512, 944, 1424

17 से विभाज्यता का नियम: यदि किसी संख्या के इकाई के अंक का 5 गुना बाकी अंकों से बनी संख्या से घटाने पर वह 17 से विभाजित होती है, तो पूरी संख्या 17 से विभाजित होगी।
जैसे: 2074, 391
बड़ी संख्या की स्थिति में इन दोनों चरणों को बार-बार दोहराएँ।


18 से विभाज्यता का नियम: जो संख्या 3 और 6 दोनों से विभाजित हो, वह संख्या 18 से भी विभाजित होती है।
जैसे: 702, 2286

19 से विभाज्यता का नियम: यदि किसी संख्या के इकाई के अंक का दोगुना बाकी अंकों से बनी संख्या में जोड़ने पर प्राप्त संख्या 19 से विभाजित है, तो पूरी संख्या 19 से विभाजित होती है।
जैसे: 703, 1881, 2299
बड़ी संख्या होने पर इन दोनों चरणों को बार-बार दोहराएँ।


20 से विभाज्यता का नियम: जो संख्या 4 और 5 दोनों से विभाजित हो, वह संख्या 20 से भी विभाजित होती है।
जैसे: 2900, 15820


# यूक्लिड विभाजन प्रमेय क्या है?

- यूक्लिड का विभाजन एल्गोरिथम: यदि a और b धनात्मक पूर्णांक इस प्रकार हैं जिससे a = bq + r है, तो a और b प्रत्येक सामान्य विभाजक b और r और इसके विपरीत का सामान्य विभाजक है।

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