अम्ल क्षार एवं लवण class 10th chemistry chapter 2 notes pdf in hindi
class 10th chemistry chapter 2 अम्ल क्षार एवं लवण notes pdf in hindi
SCROLL DOWN 👇 TO DOWNLOAD CLASS 10TH CHEMISTRY CHAPTER 2 अम्ल क्षार एवं लवण NOTES PDF
Chapter = 2
(अम्ल, क्षारक एवं लवण)
* अम्ल भौतिक गुण ?
अम्ल स्वाद में खट्टा होता है।
अम्ल नीले लिटमस को लाल में बदल देता है।
अम्ल जलीय विलियन में H+ आयन देता है।
अम्ल जलीय विलयन में विद्युत धारा प्रवाहित करता है।
🔴 अम्ल के रसायनिक गुण:
- अम्ल धातु के साथ अभिक्रिया करके H2 का निर्माण करता है।
- अम्ल हाइड्रोजन कार्बोनेट / धातु कार्बोनेट के साथ अभिक्रिया करके कार्बन डाइऑक्साइड CO2 का निर्माण करता है।
- अम्ल कुछ धातु ऑक्साइड के साथ अभिक्रिया करके लवण और जल का निर्माण करता है।
- अम्ल ( acid) शब्द लेटिन भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ खट्टा होता है।
🔴 सान्द्र अम्ल किसे कहते हैं ?
:- जिसमें अम्ल बहुत अधिक मात्रा में हो और जल बहुत कम मात्रा में उसे सान्द्र अम्ल कहते हैं।
🔴 तनु अम्ल किसे कहते हैं ?
:- जिसमें अम्ल बहुत कम मात्रा में हो और जल बहुत अधिक मात्रा में उसे तनु अम्ल कहते हैं।
🔴 प्रबल अम्ल किसे कहते हैं ?
:- शक्तिशाली अमल को प्रबल अमल कहते हैं।
Example :- HCI, H₂SO₄, HNO₃
🔴 दुर्बल अम्ल किसे कहते हैं ?
:- अभिकारक कमजोर अम्ल को दुर्बल अम्ल कहते हैं।
Example :- CH₃COOH
* अम्लों के कुछ नाम
सल्फ्यूरिक अम्ल:- H₂SO₄
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल:- HCL
हाइड्रोब्रॉमिक अम्ल:- HBR
कार्बनिक अम्ल:- H₂CO₃
फार्मिंग अम्ल:- CH₂O₂
नाइट्रिक अम्ल:- HNO₃
लैक्ट्रिक अम्ल:- C₃H60₃
एसिटिक अम्ल:- CH₃COOH
* क्षारक किसे कहते हैं ?
:- जल में घुलनशील क्षारक को क्षार कहते हैं।
* क्षारक के भौतिक गुण ?
क्षार स्वाद में कड़वे होते हैं।
क्षार लाल लिटमस को नीला कर देता है।
क्षार जलीय विलियन में OH+ आयन देता है।
क्षार जलीय विलियन में विद्युत धारा प्रवाहित नहीं करता है।
*क्षारक (Base) के रासायनिक गुण
:- क्षार धातु के साथ अभिक्रिया करके H2 छोड़ता हैं।
क्षार अम्लीय ऑक्साइड के साथ अभिक्रिया कर लवण बनाता है।
क्षार धातु कार्बोनेट/ हाइड्रोजन कार्बोनेट के साथ
कोई अभिक्रिया नहीं करता है।
* प्रबल क्षारक किसे कहते हैं ?
:- ताकतवर क्षारक को प्रबल क्षार कहते हैं।
Example :- NaOH, KOH, Ca(OH)₂
* दुर्बल क्षारक किसे कहते हैं ?
:- कमजोर क्षारक को दुर्बल क्षारक कहते हैं।
Example :- NHOH₄
* लवण किसे कहते हैं ?
:- जब अम्ल और क्षारक आपस में अभिक्रिया करती है तब लवण बनता है इसे लवण कहते हैं।
Example :- Na₂SO₂ + BaCl₂ → BaSO₄ + 2NaCl
* सूचक किसे कहते हैं ?
सूचक किसी भी विलयन में अम्ल या क्षारक की उपस्थिति को बताता है कुछ ऐसे पदार्थ होते हैं उनके रंग या गंध अम्लीय या क्षारकीय के माध्यम में परिवर्तन हो जाता है सूचक कहते हैं।
सूचक के दो प्रकार है।
* सूचक के कितने प्रकार होते हैं ?
:- सूचक के तीन प्रकार है।
- प्राकृतिक सूचक
- कृत्रिम (संश्लेषित ) सूचक
- गंधीय सूचक
* प्राकृतिक सूचक कसे कहते हैं ?
:- वैसा सूचक जो प्राकृतिक स्रोत से प्राप्त होता है उसे प्राकृतिक सूचक कहते हैं।
जैसे :- लिटमस पेपर, लाल पत्ता गोभी, हल्दी इत्यादि
* कृत्रिम (संश्लेषित ) सूचक कसे कहते हैं ?
:- वैसा सूचक जो रसायनिक पदार्थ द्वारा निर्माण किया जाता है उसे कृतिम सूचक कहते हैं।
जैसे :- मेथिल ऑरेंज
* गंधीय सूचक कसे कहते हैं ?
:- वैसा सूचक जिसका गंध अमिलिया 48 माध्यम में बदल जाता है उसे गंधीय सूचक कहते हैं कहते हैं।
जैसे :- प्याज, लोंग तैल, इत्यादि।
* लिटमस पेपर कसे कहते हैं ?
:- लिटमस पेपर बैगनी रंग का होता है जो थैलोफाइटा समूह के लाइफ़स्कैन के पौधे से निकाला जाता है लिटमस पेपर ना तो अम्लीय होता है ना ही क्षारकीय होता है इसे लिटमस पेपर कहते हैं।
* PH स्केल कसे कहते हैं ?
:- किसी विलयन में H+ आयन की कितनी मात्रा में उपस्थिति है उसको पता लगाने के लिए एक स्केल का निर्माण किया गया जिसे PH स्केल कहते हैं।
PH = 7 हो तो उसे उदासीन बिलियन कहते हैं।
PH<7 हो तो उसे अम्लीय विलयन कहते हैं।
PH> 7 हो तो उसे क्षारीय विलयन कहते हैं।
PH स्केल
* पॉप टेस्ट किसे कहते हैं ?
:- हाइड्रोजन गैस के निहित परखनली के पास जब एक जलते मोमबत्ती रखी जाती है तब पॉप की ध्वनि उत्पन्न होती है इस टेस्ट को हाइड्रोजन की उपस्थिति दर्शाने के लिए प्रयोग करते हैं इसे पॉप टेस्ट कहते हैं।
# अम्ल व क्षारक के रासायनिक गुण :
* अम्ल की अभिक्रिया धातु के साथ ?
अम्ल + धातु → लवन + हाइड्रोजन
2HCl + Zn → ZnCl₂ + H₂↑
* जब भी अम्ल धातु के अभिक्रिया करती है ?
तो हमेशा लवन + हाइड्रोजन गैस ही बनाते हैं।
2HCl + Zn → ZnCl₂ + H₂↑
* क्षार की अभिक्रिया धातु के साथ ?
क्षार + धातु → लवन + हाइड्रोजन
2NaOH + Zn → Na₂ZnO₂ + H₂↑
* क्षार जब भी धातु के साथ अभिक्रिया करती है ?
तब भी लवण + हाइड्रोजन गैस ही बनाती है।
2NaOH + Zn → Na₂ZnO₂ + H₂↑
* अम्ल की अभिक्रिया धातु कार्बोनेट के साथ:-
अम्ल + धातु कार्बोनेट → लवण + कार्बनडाइऑक्साइड (CO2) + जल
2HCl + Na₂CO₃ → 2NaCl + CO₂ + H₂O
* अम्ल जब भी धातु कार्बोनेट के साथ ?
:- अभिक्रिया करती है तो लवन कार्बन डाइऑक्साइड गैस + जल का ही निर्माण करती हैं।
2HCl + Na₂CO₃ → 2NaCl + CO₂ + H₂O
* अम्ल की अभिक्रिया धातु बाईकार्बोनेट के साथ ?
:- अम्ल + धातु बाईकार्बोनेट → लवण + कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) + जल
HCl + NaHCO₃ → NaCl + CO₂ + H₂O
* अम्ल जब भी धातु बाईकार्बोनेट के साथ ?
:- अभिक्रिया करती है तो लवन + कार्बन डाइऑक्साइड गैस + जल का ही निर्माण करती है।
HCl + NaHCO₃ → NaCl + CO₂ + H₂O
Note :- धातु कार्बोनेट तथा धातु बाईकार्बोनेट क्षारक के साथ कोई अभिक्रिया नहीं होती है
# अम्ल एवं क्षारक परस्पर अभिक्रिया:
अम्ल + क्षारक → लवण + जल
NaOH + HCl → NaCl + HO₂
* उदासीन अभिक्रिया किसे कहते हैं ?
:- जब अम्ल और क्षारक एक एक दूसरे से अभिक्रिया करते हैं तब अम्ल द्वारा क्षारक को प्रेक्षित प्रभाव तथा क्षारक द्वारा अम्ल का प्रभाव समाप्त हो जाता है तब जाकर लवन + जल का निर्माण होता है इसे उदासीन अभिक्रिया कहते हैं।
जब प्रबल अम्ल और दुर्बल क्षारक एक दूसरे से अभिक्रिया करते हैं तो अम्लीय लवन + जल का निर्माण होता है जिस का PH मान 7 से कम होता है।
प्रबल अम्ल + दुर्बल क्षारक → अम्लीय लवन + जल ?
# जब दुर्बल अम्ल और प्रबल क्षारक एक एक दूसरे से अभिक्रिया करते हैं तो क्षारीय लवन + जल का निर्माण होता है जिस का PH मान 7 से अधिक होता है
दुर्बल अम्ल प्रबल क्षारक → क्षारीय लवन + जल ?
# जब प्रबल अम्ल और प्रबल क्षारक एक एक दूसरे से अभिक्रिया करते हैं तो उदासीन लवण + जल का निर्माण करते हैं जिस का PH मान 7 होता है
प्रबल अम्ल + प्रबल क्षारक → उदासीन लवण + जल ?
# जब दुर्बल अम्ल और दुर्बल क्षारक एक एक दूसरे से अभिक्रिया करते हैं तो उदासीन लवण + जल का निर्माण करते हैं जिस का PH मान 7 होता है ।
दुर्बल अम्ल + दुर्बल क्षारक → उदासीन लवण + जल ?
* अम्लों की अभिक्रिया धात्विक ऑक्साइडों के साथ ?
अम्ल + धात्विक ऑक्साइडों → लवन + जल
धात्विक ऑक्साइड की प्रवृत्ति क्षारीय होती है इसीलिए यह अमल के साथ अभिक्रिया करके लवन तथा जल बनाती है
* क्षारकों की अभिक्रिया अधात्विक ऑक्साइडों के साथ ?
:- क्षारक + अधात्विक ऑक्साइडों → लवन + जल
अधात्विक ऑक्साइड की प्रवृत्ति अम्लीय होती है इसीलिए यह अमल के साथ अभिक्रिया करके लवन तथा जल बनाती है।
Note:- सभी अम्ल H+ आयन उत्पन्न करती है और सभी क्षारक OH- उत्पन्न करती है।
*सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH)
:- सोडियम क्लोराइड के जलीय विलियन में विद्युत पास करने पर यह विभाजित होकर सोडियम हाइड्रोक्साइड उत्पन्न करता है इस प्रक्रिया को क्लोर-क्षार प्रक्रिया भी कहते हैं
2NaCl + 2H₂O→ 2NaOH + Cl₂ + H₂
* विरंजक चूर्ण :- (CaOCI₂)
शुष्क बुझा हुआ चुना [Ca(OH)₂] के साथ क्लोरीन CI2 की अभिक्रिया करके विरंजक चूर्ण का निर्माण करते हैं।
Ca(OH)₂ + Cl₂ → CaOcl₂ + H₂O
उपयोग:
1.कपड़ों के उत्पाद के लिए
2.कागज की फैक्ट्री में
3.रसायनिक उद्योग में एक उपचायक के रूप में
4.पानी को जीवाणुओं से मुक्त करने के लिए
5.रोगाणु नाशक के रूप में
* बेकिंग सोडा :- (NaHCO3)
:- सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट का उपयोग करके बेकिंग पाउडर बनाया जाता है जो बेकिंग सोडा (सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट) एवं टाटूरिक अम्ल जैसे दुर्बल खाद का मिश्रण है।
NaCl + H2O + CO2 + NH3→ NH4CI + NAHCO3
खाना पकाते समय गर्म करने पर निम्न अभिक्रिया होती हैं।
2NaHCO3 —–> Na2CO3 + H2O + Co2
उपयोग :-
1. रसोई में खस्ता पकोड़े बनाने के लिए।
2.खाने को शीघ्रता से पकाने के लिए।
3.बेकिंग पाउडर बनाने में (ब्रेकिंग सोडा + टाटूरिक अम्ल)।
4.इसका उपयोग सोडा अग्निशामक में भी किया जाता है।
*धोने का सोडा:- (Na2CO3.10H2O)
:- बेकिंग सोडा को गर्म करके सोडियम कार्बोनेट प्राप्त होता है और सोडियम कार्बोनेट के पुनः क्रिस्टलीकरण से धोने का सोडा बनता है धोने का सोडा क्षारकीय लवन है।
Na2Co3 + 10H2O → Na2Co3.10H2O
उपयोग:-
1. इसका उपयोग कांच साबुन एवं कागज उद्योग में होता है।
2. इसका उपयोग बोरेक्स जैसे सोडियम योगिक बनाने में होता है।
3. इसका उपयोग घरों में साफ-सफाई हॉस्पिटलों में साफ सफाई के लिए होता है।
4. जल में अस्थाई कठोरता को खत्म करने के लिए भी इसका उपयोग होता है।
* प्लास्टर ऑफ पेरिस POP: CaSO4.½H2O):-
जब जिप्सम को 373k पर गर्म करने पर जिप्सम जल के अणुओं को छोड़ कर कैल्शियम • सल्फेट हेमिहाइड्रेट में परिवर्तित हो जाता है उसे प्लास्टर ऑफ पेरिस कहते हैं या एक सफेद चूर्ण है जो जल में मिलकर पुनः जिप्सम बनकर ठोस रूप में ग्रहण करता है।
CaSO4.2H2O + 1½H2O → CaSO4.2H20
उपयोग:-
1.प्लास्टर ऑफ पेरिस का हड्डियों को जोड़ने के लिए उपयोग किया जाता है।
2.प्लास्टर ऑफ पेरिस को खिलौना बनाने सजावट के सामान के लिए भी उपयोग किया जाता है।
3.प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग सत्ता को चिकना बनाने के लिए भी किया जाता है इत्यादि।
Class 10th maths KC SINHA polynomial solutions
Class 10th maths KC SINHA exercise 1 solutions
Class 10th Sanskrit chapter 1 मंगलम
Class 10th Sanskrit chapter 2 notes
Class 10th Sanskrit पियूषम chapter 3 notes
Class 9 Science Chapter 1 Notes in Hindi
Class 9 Science Chapter 2 Notes in Hindi
Class 9 Science Chapter 3 Notes in Hindi
कोई टिप्पणी नहीं